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दिल के चंद एहसास



बयार-ए-मोहब्बत को, यूँ ही बहने देना
लवों की सरगम को, यूँ ही बिखरने देना।।
आपको पता नहीं, आपको देखकर,
कितनों की ईद होती है।।
गुजारिश है, इस नूरानी चाँद को, ऐसे ही निकलने देना।।



----विचार एवं शब्द-सृजन----
----By---
----Shashank मणि Yadava’सनम’----
---स्वलिखित एवं मौलिक रचना---

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8 Comments

Gunjan Kamal

05-Oct-2022 06:54 PM

बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति 👌👌🙏🏻

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नंदिता राय

03-Oct-2022 09:48 PM

शानदार

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Palak chopra

02-Oct-2022 09:50 PM

Bahut khoob 💐🙏🌺

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